Bahraich: फायर स्टेशन में ‘अग्नि सचेतक’ प्रशिक्षण का चौथा दिन, 50+ प्रतिभागियों ने सीखी प्रैक्टिकल सेफ्टी स्किल्स

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बहराइच। फायर स्टेशन बहराइच में चल रहे ‘अग्नि सचेतक’ प्रशिक्षण का आज चौथा दिन रहा। सत्र में 50 से अधिक प्रतिभागियों को आग बुझाने की सही प्रक्रिया, सिस्टम-आधारित रिस्पॉन्स और साल्वेज रणनीतियों पर हैंड्स-ऑन प्रशिक्षण दिया गया। प्रशिक्षण का नेतृत्व प्रभारी अग्निशमन अधिकारी (FSSO) श्री पुलकित चौधरी ने किया, जिन्होंने लाइव डेमो के साथ ऑन-ग्राउंड प्रैक्टिकल भी कराया।

सत्र में प्रतिभागियों को अलग-अलग प्रकार की आग—जैसे ठोस (Class A), ज्वलनशील तरल (Class B), गैस/इलेक्ट्रिकल (Class C) आदि—की पहचान और प्रत्येक प्रकार के लिए उपयुक्त विधि से आग बुझाने के तरीके सिखाए गए। प्रशिक्षकों ने समझाया कि किस पर पानी, किस पर फोम/ड्राइ केमिकल पाउडर (DCP) या CO2 का उपयोग सुरक्षित है, और किन स्थितियों में पानी का उपयोग नहीं करना चाहिए। विशेष रूप से एलपीजी से संबंधित घटनाओं पर फोकस करते हुए एलपीजी सिलेंडर की लीकेज/आग की स्थिति में सुरक्षा दूरी बनाए रखते हुए वाल्व कंट्रोल, शट-ऑफ प्रक्रिया और सिलेंडर पर गीला कपड़ा डालकर लौ को नियंत्रित करने का प्रैक्टिकल प्रदर्शन कराया गया। इस अभ्यास का उद्देश्य था कि प्रतिभागी वास्तविक परिस्थितियों में संयमित रहते हुए चरणबद्ध, सुरक्षित प्रतिक्रिया दे सकें।

अधिकारियों ने प्रतिभागियों को सही एक्सटिंगुइशर के चयन, PASS तकनीक (Pull, Aim, Squeeze, Sweep) के सटीक उपयोग, और आपातकालीन स्थिति में सुरक्षित व समयबद्ध इवैक्युएशन की प्रक्रियाएँ विस्तार से समझाईं। हाई-राइज भवनों के संदर्भ में डाउनकमर और वेट राइज़र सिस्टम की भूमिका, फायर अलार्म पैनल की रीडिंग व रिस्पॉन्स फ्लो, स्प्रिंकलर की ऑटो-एक्टिवेशन प्रक्रिया तथा स्मोक डिटेक्टर की टेस्टिंग/मेंटेनेंस पर भी विशेष जोर दिया गया। कार्यक्रम के दौरान साल्वेज—घटना के बाद नुकसान कम करने, सामग्री की सुरक्षित शिफ्टिंग और प्राथमिकता-आधारित रिकवरी—का भी व्यावहारिक अभ्यास कराया गया।

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प्रशिक्षण में फायर सर्विस टीम सक्रिय रही। संचालन और डेमो में फायर सर्विस चालक विपिन कुमार, फायरमैन आशीष यादव, फायरमैन मदन चंद्र भार्गव, फायरमैन नितेश यादव और फायरमैन अवनीश चौहान ने सहयोग दिया। टीम ने सिस्टम डेमो के जरिए प्रतिभागियों को वास्तविक परिस्थितियों में त्वरित और सुरक्षित प्रतिक्रिया देने के तरीके समझाए।

FIRE Station Bahraich

प्रभारी अग्निशमन अधिकारी श्री पुलकित चौधरी ने कहा कि आग लगने की स्थिति में शुरुआती मिनट निर्णायक होते हैं। सही तकनीक, समयबद्ध निर्णय और सिस्टम की नियमित टेस्टिंग/मेंटेनेंस से जोखिम और नुकसान को प्रभावी रूप से कम किया जा सकता है। उन्होंने संस्थानों, बाजार संघों और आवासीय परिसरों से अपील की कि वे नियमित ड्रिल आयोजित करें, फायर सेफ्टी उपकरणों की समय-समय पर जांच कराएं और स्टाफ को बुनियादी प्रशिक्षण से लैस करें।

कार्यक्रम के अंत में प्रतिभागियों ने प्रशिक्षण को उपयोगी बताया और कहा कि लाइव डेमो, विशेषकर एलपीजी सिलेंडर पर गीला कपड़ा डालकर नियंत्रण का अभ्यास, तथा विभिन्न प्रकार की आग को अलग-अलग विधियों से बुझाने का प्रैक्टिकल, उनकी वास्तविक समझ और आत्मविश्वास को बढ़ाने में सहायक रहा। आगामी सत्रों में मॉड्यूल-आधारित अभ्यास और मूल्यांकन जारी रखने की योजना है।

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