उत्तर प्रदेश सरकार समाज में आर्थिक रूप से कमजोर परिवारों की मदद के लिए कई योजनाएं चला रही है। इन्हीं में से एक है मुख्यमंत्री सामूहिक विवाह योजना, जिसका उद्देश्य उन परिवारों को सहयोग देना है जो बेटियों की शादी का खर्च उठाने में सक्षम नहीं हैं। इस योजना के तहत सरकार विवाह आयोजन का पूरा खर्च वहन करती है और प्रत्येक जोड़े को वित्तीय सहायता भी देती है।
इस योजना से न केवल गरीब परिवारों को राहत मिलती है, बल्कि समाज में समानता और सामाजिक समरसता को भी बढ़ावा मिलता है। शादी जैसे पवित्र अवसर पर एक साथ कई जोड़ों का विवाह होने से सामाजिक एकता का संदेश भी प्रसारित होता है।
28 सितंबर को बहराइच में गूंजेगी शहनाई
बहराइच जिले में 28 सितंबर 2025 को इस योजना के तहत एक भव्य सामूहिक विवाह समारोह आयोजित किया जाएगा। इसमें कुल 400 जोड़े विवाह के बंधन में बंधेंगे। इनमें से 340 जोड़े हिंदू रीति-रिवाज के अनुसार शादी करेंगे, जबकि 60 जोड़ों का निकाह मुस्लिम परंपरा के अनुसार संपन्न होगा।
समाज कल्याण विभाग इस आयोजन की तैयारियों में पूरी तरह जुटा हुआ है। विभाग की टीम ने समारोह स्थल पर सभी आवश्यक व्यवस्थाएं सुनिश्चित की हैं ताकि हर जोड़े और उनके परिवारों को बेहतर सुविधा मिल सके। जिला प्रशासन भी इस आयोजन की निगरानी कर रहा है, जिससे कार्यक्रम में किसी तरह की असुविधा न हो।
प्रत्येक जोड़े को मिलेगा ₹1 लाख का लाभ
मुख्यमंत्री सामूहिक विवाह योजना के तहत प्रत्येक जोड़े को ₹1 लाख की वित्तीय सहायता दी जाएगी। यह राशि तीन हिस्सों में बांटी जाएगी ताकि दुल्हन और उसके परिवार को अधिकतम लाभ मिल सके।
- ₹60,000 सीधे वधू के बैंक खाते में भेजे जाएंगे, जिससे वह अपनी नई जिंदगी की शुरुआत कर सके।
- ₹25,000 जेवर और उपहारों के लिए, जो समारोह के दिन उपलब्ध कराए जाएंगे।
- ₹15,000 खानपान और अन्य व्यवस्थाओं पर खर्च होंगे, जिससे कार्यक्रम भव्य और यादगार बने।
इस योजना का सबसे बड़ा फायदा यह है कि गरीब परिवार बिना कर्ज या आर्थिक बोझ के अपनी बेटियों की शादी कर सकते हैं।
वित्तीय वर्ष 2025-26 के लिए लक्ष्य
समाज कल्याण विभाग ने वित्तीय वर्ष 2025-26 में 738 जोड़ों का विवाह कराने का लक्ष्य निर्धारित किया है। इस लक्ष्य को पूरा करने के लिए पूरे जिले में जागरूकता अभियान चलाया जा रहा है, ताकि अधिक से अधिक पात्र परिवार इस योजना का लाभ उठा सकें।
योजना के अंतर्गत होने वाले सामूहिक विवाह समारोह न केवल आर्थिक सहयोग का माध्यम हैं, बल्कि यह समाज में सकारात्मक बदलाव लाने का भी प्रयास हैं। इन आयोजनों से सामाजिक एकता मजबूत होती है और शादी के अवसर पर अनावश्यक खर्चों पर रोक लगती है।
सामाजिक महत्व और प्रभाव
इस प्रकार के सामूहिक विवाह समारोह केवल आर्थिक सहायता तक सीमित नहीं हैं। जब एक ही मंच पर सैकड़ों जोड़े विवाह करते हैं, तो यह समाज में भाईचारे, एकता और समानता का संदेश देता है। हिंदू और मुस्लिम दोनों समुदायों के जोड़ों का एक ही कार्यक्रम में विवाह होना धार्मिक सौहार्द का भी प्रतीक है।
इस योजना से गरीब परिवारों को समाज में सम्मान के साथ शादी करने का अवसर मिलता है। खासकर बेटियों की शादी से जुड़े बोझ को कम करने में यह योजना बेहद कारगर है।
पात्रता और आवेदन प्रक्रिया
इस योजना का लाभ लेने के लिए परिवारों को कुछ पात्रता मानदंड पूरे करने होते हैं।
- जोड़े की आयु कानूनी विवाह आयु सीमा के अनुसार होनी चाहिए।
- परिवार की वार्षिक आय सरकार द्वारा निर्धारित सीमा से कम होनी चाहिए।
- आवेदन समाज कल्याण विभाग की आधिकारिक वेबसाइट या ब्लॉक स्तर पर दिए गए केंद्रों के माध्यम से किया जा सकता है।
आवेदन के समय आवेदकों को आधार कार्ड, आय प्रमाण पत्र, निवास प्रमाण पत्र और विवाह से संबंधित दस्तावेज प्रस्तुत करने होते हैं।
सरकार इस योजना को और बड़े पैमाने पर विस्तार देने की तैयारी कर रही है। आने वाले समय में इसमें डिजिटल आवेदन प्रक्रिया को और सरल बनाया जाएगा, ताकि ग्रामीण क्षेत्रों के लोग भी आसानी से इसका लाभ उठा सकें।
28 सितंबर 2025 को बहराइच में होने वाला यह सामूहिक विवाह समारोह न केवल 400 जोड़ों और उनके परिवारों के लिए यादगार दिन होगा, बल्कि पूरे समाज के लिए एक मिसाल भी पेश करेगा। मुख्यमंत्री सामूहिक विवाह योजना गरीब परिवारों की मदद के साथ-साथ समाज में एकता और भाईचारे को बढ़ावा देने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।
अगर आप या आपका कोई परिचित इस योजना का लाभ लेना चाहता है, तो समय रहते समाज कल्याण विभाग से संपर्क करें और सभी आवश्यक दस्तावेज तैयार रखें।