लखनऊ। उत्तर प्रदेश में आगामी त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव 2026 की तैयारियाँ शुरू हो चुकी हैं। इस बीच राज्य सरकार ने पंचायत क्षेत्रों के परिसीमन (Delimitation) की प्रक्रिया पूरी कर ली है। इसमें 644 क्षेत्र पंचायत वार्ड और 15 जिला पंचायत वार्ड घटाए गए हैं।
इन बदलावों की वजह शहरी इलाकों का तेजी से विस्तार और नए नगर निकायों का गठन बताया जा रहा है। सरकार का कहना है कि अब पंचायत सीमाएँ वर्तमान प्रशासनिक ढांचे के अनुरूप होंगी, जिससे भविष्य में विकास योजनाओं का बेहतर क्रियान्वयन संभव होगा।
क्यों किया गया परिसीमन?
पिछले कुछ वर्षों में प्रदेश के कई गांव नगर पंचायत या नगर निगम में शामिल हो गए हैं। इससे ग्रामीण प्रशासनिक सीमाएँ असंतुलित हो गई थीं। इन परिस्थितियों को सुधारने के लिए शासन ने 42 जिलों में आंशिक परिसीमन कराया, ताकि पंचायत सीमाएँ नए शहरी विस्तार के अनुरूप की जा सकें।
मुख्य आंकड़े एक नज़र में
- क्षेत्र पंचायत वार्ड: 75,844 → 75,200
- जिला पंचायत वार्ड: 3,030 → 3,015
- ग्राम पंचायतें: 58,195 → 57,694
- कुल परिवर्तन: 512 ग्राम पंचायतें समाप्त, 11 नई पंचायतें गठित
यह आँकड़े दिखाते हैं कि राज्य में पंचायत व्यवस्था का बड़ा पुनर्गठन हुआ है, जिससे चुनावी परिदृश्य भी प्रभावित होगा।
किन जिलों में हुए बदलाव
यह परिसीमन प्रक्रिया 42 जिलों में की गई है, जिनमें शामिल हैं —
लखनऊ, गोंडा, बहराइच, बाराबंकी, गोरखपुर, सीतापुर, बरेली, जौनपुर, गौतमबुद्धनगर, गाज़ियाबाद, मथुरा, सोनभद्र, प्रतापगढ़, रायबरेली, अमरोहा, अम्बेडकरनगर, उन्नाव, शाहजहाँपुर, लखीमपुर खीरी, हरदोई और कई अन्य जिले।
चुनाव पर असर
राज्य निर्वाचन आयोग अब नए परिसीमन को आधार बनाकर 2026 के पंचायत चुनाव की तैयारियाँ शुरू करेगा।
संभावना है कि चुनाव अप्रैल–मई 2026 के बीच होंगे।
राजनीतिक दलों के लिए यह परिसीमन नए समीकरण लेकर आया है। जिन क्षेत्रों की सीमाएँ बदली हैं, वहाँ पुराने वोट बैंक और सामाजिक संतुलन पर सीधा असर पड़ सकता है। स्थानीय नेताओं को अब अपनी रणनीति नए सिरे से तय करनी होगी।
क्या है इसका मतलब?
- शहरी विस्तार के कारण ग्रामीण राजनीति में नए चेहरे और मुद्दे उभरेंगे।
- कम हुए वार्डों से चुनावी प्रतिस्पर्धा बढ़ेगी।
- पंचायत प्रतिनिधित्व का नया नक्शा विकास योजनाओं की प्राथमिकताओं को भी बदल सकता है।
अक्सर पूछे जाने वाले सवाल (FAQs)
1. यूपी पंचायत परिसीमन का क्या मतलब है?
उत्तर: परिसीमन का अर्थ है – पंचायत क्षेत्रों और वार्डों की सीमाओं का पुनर्गठन। इससे यह तय होता है कि कौन-से गांव किस पंचायत या क्षेत्र पंचायत के अंतर्गत आएंगे।
2. इस बार कितने पंचायत वार्ड घटाए गए हैं?
उत्तर: कुल 644 क्षेत्र पंचायत वार्ड और 15 जिला पंचायत वार्ड घटाए गए हैं।
3. किन जिलों में परिसीमन किया गया है?
उत्तर: परिसीमन 42 जिलों में किया गया है, जिनमें लखनऊ, बहराइच, गोंडा, गोरखपुर, मथुरा, गाज़ियाबाद, रायबरेली, जौनपुर आदि शामिल हैं।
4. क्या इससे पंचायत चुनाव की तारीख पर असर पड़ेगा?
उत्तर: नहीं, फिलहाल चुनाव कार्यक्रम में किसी देरी की संभावना नहीं है। अनुमान है कि चुनाव अप्रैल–मई 2026 में ही होंगे।
5. क्या नई पंचायतें भी बनाई गई हैं?
उत्तर: हाँ, 512 ग्राम पंचायतें समाप्त हुई हैं जबकि 11 नई पंचायतें गठित की गई हैं।
6. क्या परिसीमन से उम्मीदवारों और पार्टियों की रणनीति बदलेगी?
उत्तर: हाँ, जिन क्षेत्रों की सीमाएँ बदली हैं, वहाँ पुराने वोट बैंक और प्रभाव क्षेत्र बदलने से राजनीतिक समीकरण पर सीधा असर पड़ेगा।


